गुरुवार, 7 जनवरी 2010

जहां घर-घर में है वतन के रखवाले.

राष्ट्र की सेवा को समपिर्त उस गांव को सलाम,जहां हर मां का बस एक ही सपना,बेटा देश की सेवा करे,हर पिता की एक ही प्रेरणा 'बेटा देश की खातिर मरे'.हर बहन की एक ही इच्छा 'भईया देश को शत्रु से बचाए.और हर नोजवानो में एक जज्बा बनना जाबांज सिपाही.रोहतास जिले के सझोली सीमा से सटे नोखा प्रखंड के भटोली गांव ने अब तक देश सेवा के कई कहानी लिखे है.यहां एक-दो घरो की बाते कोन करे,हर घर में वतन के रखवाले है,९९घरो की बस्ती वाले छोटे से गांव के ९६ युवक जाबांज सिपाही बनकर राष्ट्र की सेवा में लगे है.५० से अधिक लोग सूबे की पुलिस सेवा में भी लगे है.गांव को इस बात पर गर्व है की राजीव कुमार आर्मी में कर्नल है.फ़िलहाल ओ देहरादून में पदस्थापित है गांव के युवको के बीच एक ही चुनोती है.क्या हम उनकी तरह नहीं बन सकते हम्मे भी जज्बा है हिमत है,कामयाब होकर दिखायेंगे.तभ तो जब ग्रामीण नींद में होते है चारो तरफ ख़ामोशी होती है.सूर्य की आँखे बंद रहती है.तो गांव में युवको की टोली अपनी रफतार में होती है.भोजपुर रजवाहा के कंकरीले राहों पर युवक प्रतिदिन दोड़ते है.क्या जादा,गर्मी या बरसात,हम होंगे कामयाब की तर्ज पर अपनी प्रेक्टिस जारी रखते है.सभी में आत्मविश्वास झलकता है.गांव के नवयुवको को फ़ोर्स के आलावा कोई दूसरी नोकरी पसंद नहीं है.सब कंधो पर बन्दुक लेकर राष्ट्र सेवा को ही जिंदगी समपिर्त करना चाहते है.

एक टिप्पणी भेजें